स्पेन से भरी शिमला की उड़ान, बन गई यंग सेब बागवान, सेब को बगीचे से सीधा कंज्यूमर के पास पहुंचाने की पहल करने वाली अलीशा छाजटा की प्रेरककथा शिमला से फोकस हिमाचल ब्यूरो की रिपोर्ट
यह प्रेरककथा है शिमला की
शिमला के जुब्बल की अलीशा छाजटा के पास सेंट जेवीयर कॉलेज मुंबई से कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री है और ग्लोबल बिजनस स्कूल बार्सिलोना, स्पेन से एंटरप्रेन्योरशिप में पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री ली है। होटल ताज मुंबई और आईबीएन 7 में इंटरशिप और पंजाब किंग्स एलेवन में पब्लिक रिलेशन और मार्केटिंग जॉब करने के बाद बार्सिलोना में कॉर्पोरेट कैरीयर को छोड़कर अलीशा छाजटा ने नन्दपुर जुब्बल में स्थित अपने परिवार के हेरिटिज छाजटा बगीचे के सेब की बगीचे से सीधे कंज्यूमर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाल रही है। सेब के उत्पादन में जुब्बल के छाजटा परिवार एक बड़ा नाम है। अलीशा छाजटा अपने बगीचे के उत्पाद को इंटरनेट के जरिए सीधे खरीददार तक पहुंचाने का काम कर रही है और डिजिटल मार्केटिंग के जरिए शिमला का सेब बेचने के लिए ट्रेंडसेटर बन गई है। आलिशा छाजटा की स्कूली शिक्षा शिमला के प्रतिष्ठित लोरेटो कान्वेन्ट स्कूल शिमला से हुई। उसके उन्होंने होटल ताज मुंबई और आईबीएन 7 में इंटरशिप की और पंजाब किंग्स एलेवन में पब्लिक रिलेशन और मार्केटिंग जॉब कीस्टार्टअप हिमाचल : फ्रूट जैम और चटनी के कारोबार में तलाशी संभावनाएं, सहभागिता के बिजनेस मॉडल का कमाल, सिंगापुर का मीडिया कैरियर ठुकराया कोटगढ़ में ‘फ्रूट बगीचा’ सजाया

डिजिटल मार्केटप्लेस में नेक्स्ट-जेन
डिजिटल गेटवे और पोर्टल का उपयोग करते हुए हिमाचल प्रदेश की युवा सेब उत्पादक
अलीशा छाजटा अपने बगीचे के पौष्टिक और प्राकृतिक सेब को सीधे खरीदारों को बेच रही है। सेब बेचने के इस मॉडेल में कोई बिचौलिया नहीं है। अलीशा छाजटा सेब की बागवानी की तीसरी पीढ़ी में हैं। तकनीक के दम पर शिमला के सेब के विपणन में एक बड़ा बदलाव करने में अलीशा छाजटा शानदार भूमिका अदा कर रही है। उसके विपणन मॉडेल से सेब उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा हो रही है।सोलन में जहां अब औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय स्थापित है, वहां कभी था एक अंग्रेज का फलों का बगीचा, प्रदेश का पहला कृषि विश्व विद्यालय भी यहीं हुआ था स्थापित

खुद मार्केट टैप कर रही तीसरी पीढ़ी
कॉर्पोरेट ऑनलाइन ग्रॉसरी चेन ‘बिग बास्केट’ पहले से ही कई उत्पादों, फलों और सब्जियों के विपणन में अपनी पैठ बना चुकी है। तीसरी पीढ़ी के सेब उत्पादक डिजिटल और सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग करके सेब बेचने के लिए खुद बाजारों में टैप करना चाह रहे हैं। एक मजबूत आईटी-बैकअप और कुशल लॉजिस्टिक नेटवर्क केंद्रों के साथ अलीशा छाजटा जैसे युवा सेब उत्पादक निश्चित रूप से अपनी पहचान बना रहे हैं।अखरोट : गुणी ड्राई फ्रूट, अखरोट में फाइबर, विटामिन बी, मैग्नीशियम और एंटी ऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में होते हैं, हिमाचल में अखरोट की कुल्लू, चंबा, सिरमौर और कांगड़ा के कुछ जगहों में होती है पैदावार