मैदानी इलाके में भी उग रही गुच्छी, सुंदरनगर के सोढ़ी परिवार के घर की फुलवाड़ी में फिर से गुच्छियों का अंबार, औषधीय गुणों से भरपूर गुच्छी का 30 हजार रुपये किलो है मार्केट रेट

Spread the love

मैदानी इलाके में भी उग रही गुच्छी, सुंदरनगर के सोढ़ी परिवार के घर की फुलवाड़ी में फिर से गुच्छियों का अंबार, औषधीय गुणों से भरपूर गुच्छी का 30 हजार रुपये किलो है मार्केट रेट
फोकस हिमाचल ब्यूरो की सुंदरनगर से रिपोर्ट
पहाड़ी इलाकों में उगने वाली गुच्छी मैदानी इलाकों में भी उग सकती है। सुंदरनगर की बीबीएमबी कॉलोनी में तिरलोक सिंह व हरजीत कौर सोढ़ी के क्वार्टर की फुलवाड़ी में तीन साल बाद दोबारा गुच्छी का भंडार मिला है। वहीं, तिरलोक ने बताया कि कुछ दिन पहले शाम के वक्त उन्हें यह दिखाई दी थी। अगले दिन जब इसकी खोज शुरू की तो काफी संख्या में गुच्छी मिली । उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले भी उनके आंगन में गुच्छी काफी लगी थी जिसे उन्होंने उस समय नजदीक वन विभाग के रिसर्च सेंटर में तैनात डीएफओ तिलक से इसकी जांच करवाई तो उन्होंने गुच्छी होने की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि मोरकेला प्रजाति फफूंद है और इसका वानस्पतिक नाम मोरकुला एसक्युलेटा है।
पहाड़ी इलाकों में उगती है
अमूनन गुच्छी समुद्र तल से 15 सो मीटर व इससे ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है । यह सब्जी पहाड़ों पर बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से पैदा होती है। गुच्छी स्वाद में बेजोड़ और कई औषधियों गुणों से भरपूर होती है। गुच्छी चंबा, कुल्लू,मंडी,शिमला जिलो सहित विभिन्न जिलों में पाई जाती है।गुच्छी ऊंचे पहाड़ी इलाके के घने जंगलों में कुदरती रूप से पाई जाती है। जंगलों के अंधाधुंध कटान के कारण यह अब काफी कम मात्रा में मिलती है। यह सबसे महंगी सब्जी है।नूरपुर के महिला समूह ने घरेलू उत्पादों को बनाया कारोबार, समूह से जुड़ी दस महिलाएं आचार चटनी, देसी घी और एलोवेरा का जूस बेचकर कमा रहीं अच्छी आजीविका, मार्केटिंग भी खुद कर रहीं, शिमला से दिल्ली तक बेच रहीं अपने बनाए उत्पाद
दुनिया की सबसे महंगी सब्जी
गुच्छी का बाजार मूल्य 20 हजार से 30 हजार प्रति किलो तक होता है। यह एक कवक है, जिसके फूलों या बीजकोश के गुच्छों से तरकारी बनती है। भारत और नेपाली स्थानीय भाषा में इसे गुच्छी, छतरी, टटमोर या डूंगरू कहा जाता है। हिमाचल के चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला, मनाली के जंगलों में पाई जाती है ।कुल्लू में इसे जामचू , चेंऊ ,छुंछरू के नाम से पुकारा जाता है ।
औषधीय गुणों से भरपूर
गुच्छी में 32.7% प्रोटीन 2% फैट 17.6% फाइबर 38% कार्बोहाइड्रेट्स पाया जाता है यह काफी स्वास्थ्यवर्धक होता है गुच्ची से प्राप्त एक्सट्रैक्ट की तुलना डाइक्लोफिनेक नामक आधुनिक सूजन रोधी दवा से की गई है इसके प्रायोगिक परिणाम ट्यूमर को बनने से रोकने और कीमोथेरेपी के रूप में प्रभावी मानी जाती है।बिलासपुर के महिला समूह ने चीड़ की पत्तियों से सजावटी सामान बनाकर चमकाया कारोबार, आज कर रहीं लाखों का बिजनेस

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.