भरमौर विधानसभा सीट : 2017 में सात हजार से ज्यादा अंतर से जीतने वाले जिया लाल का टिकट काटकर डॉ जनक पर लगाया भाजपा ने दांव, कांग्रेस ने पांच बार जीत दर्ज चुके व मंत्री रह चुके ठाकुर सिंह भरमौरी पर जताया विश्वास, चंबा की भरमौर सीट पर चाचा-भतीजा का मुकाबला बना रहा रोचक समीकरण

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भरमौर विधानसभा सीट : 2017 में सात हजार से ज्यादा अंतर से जीतने वाले जिया लाल का टिकट काटकर डॉ जनक पर लगाया भाजपा ने दांव, कांग्रेस ने पांच बार जीत दर्ज चुके व मंत्री रह चुके ठाकुर सिंह भरमौरी पर जताया विश्वास, चंबा की भरमौर सीट पर चाचा-भतीजा का मुकाबला बना रहा रोचक समीकरण
फोकस हिमाचल ब्यूरो की भरमौर से रिपोर्ट
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया करीब आ रही हैं। वहीं, सियासी गलियारों में नेताओं की चहलकदमी तेज हो गई है। वे लोगों से संपर्क बनाने में लगे हैं। वहीं इस बार हर पार्टी एक दूसरे के सामने कड़ी टक्कर देने की तैयारी है। आज जनता के रुख ने भी इस बार हर पार्टी के नेताओं को विचलित कर दिया है। इस कारण इस बार चुनाव जीतने के लिए हर पार्टी ने कई फेरबदल किए हैं। पार्टियों ने कहीं नए चेहरों पर विश्वास जताया है तो कहीं पुराने नेताओं के टिकट काट दिए हैं। वहीं बागी नेताओं ने भी चुनावी हवा को गर्म कर दिया है। ऐसे ही चंबा जिला की भरमौर विधानसभा सीट है। यहां कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने पांच बार इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके व मंत्री रह चुके ठाकुर सिंह भरमौरी पर विश्वास जताया है। वहीं भाजपा ने 2017 के चुनाव में कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी को हराकर रिकॉर्ड सात हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले विधायक जिया लाल का टिकट काटकर भाजपा ने डॉक्टर जनक राज को चुनावी मैदान में उतारा है। डॉकटर जनक रिश्ते में ठाकुर सिंह भरमौरी के चाचा भी लगते हैं। ऐसे में चाचा-भतीजा का इस सीट पर मुकाबला रोचक होगा।
चाचा-भतीजा पर सबकी नजर
आईजीएमसी में एमएस रहे न्यूरोसर्जन डॉक्टर जनक राज रिश्ते में ठाकुर सिंह भरमौरी के चाचा हैं। इन दोनों विधानसभा सीटों पर हर किसी की नजर हैं। भाजपा ने पिछले चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज करने वाले अपने विधायक जियालाल ठाकुर की टिकट काटकर विस क्षेत्र भरमौर से डॉक्टर जनक राज को टिकट दी है। ऐसे में देखना है कि डॉक्टर जनक पर यहां की जनता कितना विश्वास जताती है। वहीं जियालाल के टिकट कटने से कुछ तो असर पड़ेगा। यहां भाजपा की राह आसान नहीं होगी। वहीं, पारिवारिक जंग चुनावों में देखने को मिल रही है उससे लोग काफी उत्साहित भी हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी को ही टिकट दी है। ऐसे कांग्रेस का पुराना अनुभव व भाजपा का नया चहरा यहां दिलचस्प चुनावी माहौल बना रहा है। वहीं, आप ने भी अपने प्रत्याशी प्रकाश चंद भारद्वाज को टिकट देकर यहां मुकाबले को दिलचस्प एंगल दिया है।कांग्रेस का मजबूत किला डलहौजी सीट : 2017 में कड़ी टक्कर से जीत हासिल करने वाली कांग्रेस की आशा कुमारी को इस बार भाजपा, आप, बागी और आजाद नेताओं की निराशा करने की रणनीति
सात हजार वोटों से जीते थे जियालाल
2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जिया लाल ने कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी को मात देकर जीत दर्ज की थी। 2017 में इस सीट पर कुल 49.62 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस दौरान बीजेपी के जिया लाल ने कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी को 7349 वोटों के मार्जिन से मात दी थी। इस बार बीजेपी ने 2017 में सात हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी टिकट पर जीत दर्ज करने वाले जियालाल ठाकुर टिकट काटकर डॉ जनक को प्रत्याशी बनाया है।वहीं, कांग्रेस ने कांग्रेस टिकट पर दो बार जीत चुके व 2017 में जिया लाल से हारने वाले ठाकुर सिंह भरमौरी को टिकट दी है। इस बार कांग्रेस-बीजेपी की टिकट पर चाचा भतीजा का मुकाबला रोचक होगा।चंबा सदर विधानसभा सीट : कांग्रेस टिकट से हारने वाले और बीजेपी टिकट पर एक बार विधायक बने पवन नैय्यर की पत्नी नीलम भाजपा टिकट पर हैं मैदान में, चाचा-भतीजे की चुनावी जंग अब चाची-भतीजे के बीच, क्या कांग्रेस की टिकट पर हैट्रिक लगाने वाले हर्ष महाजन की भाजपा में इंट्री से खुलेगा भाजपा के जीत का अगला दरवाजा
यहां बराबर रहा मुकाबला
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित चंबा की भरमौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा की बराबर की टक्कर रही है। अब तक के विधानसभा चुनाव में पांच बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा जीत चुकी है। इसके अलावा एक-एक बार आजाद व निर्दलीय प्रत्याशी इस सीट पर काबिज रहे हैं। ठाकुर सिंह भरमौरी एक बार निर्दलीय इस सीट पर जीत दर्ज चुके हैं और दो बार कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें तीसरी बार इस सीट पर टिकट दी है। वहीं भाजपा से तुलसी राम तीन बार इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं। उनके बाद जियालाल इस सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसबार भाजपा ने अपने विधायक का टिकट काटकर डॉकटर जनकराज को इस सीट से टिकट दी है।चुराह विधानसभा सीट: सोशल मीडिया पर बार- बार ट्रोल होते रहे भाजपा के डॉ. हंस राज की जीत हैट्रिक को रोकने के लिए कांग्रेस ने शिक्षक यशवंत सिंह खन्ना को मैदान में उतारा
ठाकुर सिंह भरमौरी के नाम सबसे ज्यादा जीत
इस क्षेत्र से साल 1972 में कांग्रेस के श्रीराम को जीत हासिल हुई। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी के राम चंद विधायक बने। 1982 में कांग्रेस के ठाकुर सिंह, 1985 में भी कांग्रेस के ठाकुर सिंह विधायक बने। 1990 में बीजेपी से तुलसी राम विधायक बने। 1993 में निर्दलीय से ठाकुर सिंह विधायक बने। 1998 में बीजेपी के तुलसी राम और 2003 में कांग्रेस के ठाकुर सिंह विधायक बने। 2007 में बीजेपी से तुलसी राम, 2012 में कांग्रेस के ठाकुर सिंह भारमौरी और 2017 में भी बीजेपी के जिया लाल को इस क्षेत्र का विधायक चुना गया।

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