प्रेरककथा – कट्टर संघियों के गढ़ में डाल दी वामपंथ की मजबूत बुनियाद, स्टूडेंट पॉलिटिक्स के चर्चित चेहरे रहे अनिल मनकोटिया की स्पोर्ट्समैन और ब्लड डोनर के रूप में पहचान
बैजनाथ से प्रीतम सिंह की रिपोर्ट
यह प्रेरककथा है उस युवा स्टूडेंट की जिद और जुनून की, जिसने कट्टर संघियों के गढ़ में वामपंथ की मजबूत बुनियाद डाल कर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। लम्बे बैन के बाद जब हिमाचल प्रदेश के अन्दर छात्र संघ के चुनाव बहाल हुए तो साल 2006 में अनिल मनकोटिया ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गढ़ कहे जाने वाले राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय हमीरपुर में वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई की जीत का परचम लहराकर हमीरपुर महाविद्यालय के केंद्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की और तभी से लेकर हमीरपुर महाविद्यालय एसएफआई का एक गढ़ बन गया। चर्चित स्टूडेंट लीडर रहे अनिल मनकोटिया की पहचान एक स्पोर्ट्समैन और ब्लड डोनर के रूप में है।
मुक्केबाजी और दौड़ के राष्ट्रीय खिलाड़ी
अनिल मनकोटिया ने प्रदेश के प्रतिष्ठित स्कूल सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा से स्कूली पढाई पूरी करने के बाद हमीरपुर महाविद्यालय और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से उच्च शिक्षा हासिल की। पढ़ाई में अव्वल रहने के साथ वह खेल के मैदान पर भी अपना सिक्का जमाया। अनिल मनकोटिया राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज और राष्ट्रीय स्तर के धावक रहे हैं। साल 2002 में बॉक्सिंग और साल 2004 में क्रॉस कंट्री में उन्होंने हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।
आरोप लगाकर छोड़ थी पार्टी
अनिल मनकोटिया एसएफआई के राज्य नेतृत्व का हिस्सा रहे हैं और वामपंथी नौजवान संगठन भारत की जनवादी नौजवान सभा के प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे। साल 2002 से लेकर साल 2020 तक हमीरपुर जिला के अंदर वामपंथी विचारधारा का नेतृत्व किया। उन्होंने हमीरपुर में वामपंथी विचारधारा के मजबूत करने में अहम् भूमिका अदा की। वर्ष 2020 में पार्टी के कुछ नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप चस्पां कर अनिल मनकोटिया ने सीपीएम छोड़ दी।
बॉक्सर है ब्लड डोनर
अनिल मनकोटिया हिमाचल प्रदेश बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश सह सचिव है और हिमाचल प्रदेश बॉक्सिंग एसोसिएशन हमीरपुर के महासचिव हैं। वे खेलों के प्रोत्साहन के लिए हमीरपुर के अंदर हर वर्ष कई तरह के स्पोर्ट्स इवेंट्स ऑर्गेनाइज करते हैं। बॉक्सरों की नई पौध तैयार करने के लिए वे हमीरपुर में बॉक्स एन बर्न (box N burn) का संचालन करते हैं। वे रेगुलर ब्लड डोनर हैं और अब तक 42 बार रक्तदान कर चुके हैं।
सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार के बेटे
अनिल मनकोटिया का परिवार मूलत: उना जिला के बगाणा का रहने वाला है। वह सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से संबंध रखते हैं उनके पिताजी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त है और माताजी घरेलू महिला हैं तथा उनके भाई हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं। भगत सिंह को अपना आदर्श मानने वाले अनिल मनकोटिया वर्तमान समय में हमीरपुर में रहते हैं। कोविड 19 के दौरान अनिल मनकोटिया और उनकी टीम ने फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर अपनी सामाजिक जिम्मेवारी का निर्वहन किया।