मनाली से विनोद भावुक की रिपोर्ट
भुवनेश्वर साइकलिंग और एडवेंचर क्लब (बीसीएसी) के 20 सदस्यों की एक टीम ने हाल ही में आईपीएस संजीव पांडा के नेतृत्व में साइकलिंग के लिए दुनिया के सबसे मुश्किल रूट मनाली-लेह-खरदुंगला मार्ग पर साइकिलिंग का साहसिक कार्य पूरा किया। खारदुंगला समुद्र तल से 17982 फुट की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे मोटर योग्य दर्रों में से एक के रूप में जाना जाता है। प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के साथ हवा की कम सांद्रता और निम्न ऑक्सीजन स्तर इस मार्ग को दुनिया की सबसे कठिन और सबसे साहसिक सड़कों में से एक बनाते हैं।

तंगलांगला के शिखर पर फहराया तिरंगा
8 अगस्त को मनाली से शुरू हुआ यह अभियान 10 दिनों की अवधि में छह सबसे शक्तिशाली दर्रों से होकर गुजरा। 17 अगस्त को टीम ने खारदुंगला के शीर्ष तक पहुंचने में सफलता पाई। इस अभियान के दौरान साइकिल चालकों ने शांति और मित्रता का संदेश प्रचारित किया। इस दल में 15 अगस्त को तंगलांगला (17582 फुट) के शिखर पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराया और आगंतुकों के साथ राष्ट्रगान का पाठ किया।









ग्लेशियर और कच्ची सड़कों की चुनौती
टीम ने शक्तिशाली हिमालय पर 550 किलोमीटर की अपनी यात्रा के दौरान रोहतांग दर्रा (13050 फुट), बारालाचाला दर्रा (16150 फुट), नकीला दर्रा (15547 फुट), लाचुंगला दर्रा (16616 फुट), तंगलांगला दर्रा (17582 फुट), और खारदुंगला दर्रा (17982 फुट) छह उच्च ऊंचाई वाले दर्रों को पार किया। उंचाई पर ग्लेशियर से भरी कच्ची सड़कें चुनौतीपूर्ण थीं। कभी-कभी, रुक-रुक कर लैंड-स्लाइड और कीचड़-स्लाइड के कारण धुली हुई सड़कों को पार करने के लिए साइकिल चालकों को अपनी साइकिल अपने कंधों पर उठाना पड़ा।
एक दिन में तीन मौसमों का सामना
एक अप्रत्याशित इलाके के रूप में, साइकिल चालकों को एक ही दिन में तीन मौसमों का सामना करना पड़ा। ठंडे रेगिस्तान में साइकिल सवार अपने-अपने तंबू में रहते थे, जहां न बिजली थी और न टेलीफोन। मनाली-लेह-खरदुंगला मार्ग को दुनिया के सबसे कठिन मार्गों में से एक माना जाता है और नेट-जियो एडवेंचर द्वारा इसे सबसे कठिन राजमार्ग के रूप में दर्जा दिया गया है। इसमें कई चुनौतियां और निम्न-ऑक्सीजन स्तरों में उच्च-ऊंचाई के रोमांच हैं।

















दुनिया भर के राइडर का मनपसंद रूट
किसी भी एडवेंचर प्रेमी के लिए इस मार्ग पर साइकिल चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण एडवेंचर और जीवन भर की उपलब्धि है। यही कारण है कि इस मार्ग को दुनिया भर के साहसिक उत्साही लोग पसंद करते हैं। भुवनेश्वर साइकलिंग और एडवेंचर क्लब ने साल 2014 में 10 सदस्यों, साल 2018 में 13 सदस्यों के अभियान के बाद इस साल 20 सदस्यों ने इस मार्ग पर साइकलिंग की।






अभियान में इस दल ने लिया भाग
इस अभियान में संजीव पांडा, अजय नंदा, सिबासिस मोहंती, गंगाधर नायक, श्रीनिवास साहू, बिभु प्रसाद, मनोज कुमार, मानस रंजन गौड़ा, उदयनाथ महाकुड़, हरीश चंद्र, सिबा शंकर सेनापति, डॉ अक्षय कुमार साहू, डॉ. रंजन पटनायक, रंजीत कुमार साहू, प्रवास रंजन चिनारा, रमेश कुमार साहू, कुमार देवदत्त, अक्षयपद्मा महापात्र, संदीप दास और संतोष कुमार राउत ने इस साइक्लिंग एडवेंचर में भाग लिया।