चाचू शेर सिंह के गीतों को गुनगुना कर सिंगर बन गई भतीजी भावना जरयाल
पालमपुर से ललिता कपूर की रिपोर्ट
कई लोकगीतों को अपनी आवाज से अमर कर देने वाले चंबा के स्वर्गीय लोकगायक शेर सिंह जरयाल की भतीजी भावना जरयाल अपने चाचू को गाते सुनते- सुनते ही एक सफल लोकगायिका बन कर उभर गई.

आज उसके गाये कई पहाड़ी गीत लोगों की जुबां पर हैं और हिमाचल प्रदेश के अलावा देश के दूसरे प्रदेशों में रेग्युलर परफॉर्म कर रहीं हैं.
पहली अलबम से हिट

भावना की पहली म्यूजिक अलबम साल 2010 में राजमा आई थी जो सुपर- डुपर हिट रही थी. इसके बाद गुजरी बदनाम और राम मेरे जोगनिया ने भी खूब वाहवाही लूटी. उसके बाद आई चंबयाली क्लचर पार्ट-1 अलबम भी हिट रही. जल्द ही भावना की केलंग नाटी रिलीज होने वाली है.
आम घर की बेटी बनी खास

चंबा के सलूणी की भावना एक साधारण कृषक परिवार में पैदा हुई. उनकी एक बहन और एक भाई है. भावना ने अपनी गायन प्रतिभा से बड़ा मुकाम हासिल किया है.

भावना का कहना है उनकी प्रतिभा को निखारने में उनके परिजनों की बहुत भूमिका रही है. हर भावना को सुखद भविष्य की कामना करते हैं.