चंबा सदर विधानसभा सीट : कांग्रेस टिकट से हारने वाले और बीजेपी टिकट पर एक बार विधायक बने पवन नैय्यर की पत्नी नीलम भाजपा टिकट पर हैं मैदान में, चाचा-भतीजे की चुनावी जंग अब चाची-भतीजे के बीच, क्या कांग्रेस की टिकट पर हैट्रिक लगाने वाले हर्ष महाजन की भाजपा में इंट्री से खुलेगा भाजपा के जीत का अगला दरवाजा

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चंबा सदर विधानसभा सीट : कांग्रेस टिकट से हारने वाले और बीजेपी टिकट पर एक बार विधायक बने पवन नैय्यर की पत्नी नीलम भाजपा टिकट पर हैं मैदान में, चाचा-भतीजे की चुनावी जंग अब चाची-भतीजे के बीच, क्या कांग्रेस की टिकट पर हैट्रिक लगाने वाले हर्ष महाजन की भाजपा में इंट्री से खुलेगा भाजपा के जीत का अगला दरवाजा
फोकस हिमाचल ब्यूरो की चंबा से रिपोर्ट
इस विधानसभा चुनाव में हर सीट पर प्रत्याशियों ने पार्टी की टिकट हासिल करने के लिए काफी जद्दोजुहद की। कई जगह रिश्तेदार भी चुनावी मैदान में आमने-सामने आ गए। भरमौर की तरह चंबा सदर की सीट भी ऐसी ही है। सदर सीट चंबा सदर सीट की बात की जाए तो यहां से चाची-भतीजा चुनावी मैदान में हैं। इस बार कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने नीरज नैय्यर को दूसरी बार टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है। वहीं, भाजपा हाईकमान ने पहले सदर के विधायक पवन नैयर का टिकट काटकर इंदिरा कपूर को दे दिया था। जब पवन नैयर समेत उनके समर्थकों ने इसका विरोध किया तो इंदिरा कपूर का टिकट काट कर पवन नैयर की पत्नी नीलम नैय्यर का टिकट फाइनल हुआ। भाजपा प्रत्याशी नीलम नैय्यर और कांग्रेस प्रत्याशी नीरज नैय्यर आपस में चाची-भतीजा हैं। चुराह विधानसभा सीट: सोशल मीडिया पर बार- बार ट्रोल होते रहे भाजपा के डॉ. हंस राज की जीत हैट्रिक को रोकने के लिए कांग्रेस ने शिक्षक यशवंत सिंह खन्ना को मैदान में उतारा
वहीं, चंबा की सक्रिय राजनीति से 15 वर्षों से दूर रहे बतौर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष काम कर रहे हर्ष महाजन ने इसी साल सितंबर माह में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। हर्ष महाजन के भाजपा में आने से टिकट की दावेदारी को इस तरफ भी देखा जा रहा था। क्योंकि राजनीतिक बैकराउंड में हर्ष महाजन का कद काफी बड़ा है। हालांकि भाजपा में शामिल होने के वक्त महाजन ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था और कहा था कि कांग्रेस की नीतियों से तंग आकर व उनकी ईमानदारी का सम्मान न मिलने के कारण वे भाजपा में आए हैं। महाजन के नाम चंबा सदर में उनके नाम कांग्रेस टिकट पर तीन बार चुनाव जीतने की हैट्रिक है। महाजन के बाद पवन नैय्यर कांग्रेस टिकट पर चुनाव हारे थे और यहीं से कांग्रेस की जीत का सिलसिला रुका था। उसके बाद पवन नैय्यर भाजपा की टिकट पर विधायक बने थे। अब उनकी पत्नी को भाजपा ने टिकट दी है। हर्ष और पवन दोनों कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। ऐसे में यहां अब राजनीतिक समीकरण क्या बनने वाले है यह तस्वीर चुनाव के बाद ही साफ होगी। फिलहाल, यहां की राजनीति पर सबकी नजर है।वहीं, आम आदमी पार्टी को ओर से शशि कांत को प्रत्याशी के रूप में उतारा गया है। इससे पहले भी सदर की सीट के लिए चाचा-भतीजे में मुकाबला हो चुका है। इसमें चाचा की जीत हुई थी और भतीजे को मात्र 1800 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
2012 में कांग्रेस की टिकट पर हारे थे पवन नैय्यर
इस सीट पर भाजपा का वर्चस्व रहा है। भाजपा यहां सात बार चुनाव जीत चुकी है और कांग्रेस को केवल चार बार ही यहां बहुमत मिल सका है। भाजपा ने 2012 और 2017 के चुनावों में लगातार जीत हासिल की है। साल 2012 के चुनावों में चंबा की विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बाल कृश्ण चौहान ने इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) के पवन नैय्यर के खिलाफ चुनावा लड़ था और 1934 वोटों के अंतर से पवन नैय्यर को हराकर जीत हासिल की थी। साल 2017 में चंबा सीट के वोटर्स बढ़कर 54,354 हो गये, जिसमें महिला और पुरुषों की संख्या में ज्यादा अंतराल नहीं था।
2017 में बीजेपी की टिकट पर बने विधायक
साल 2017 के चंबा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पवन नैय्यर और कांग्रेस के नीरज नैय्यर में मुकाबला था। दोनों एक-दूसरे के आमने-सामने थे। इस बार पवन नैय्यर कांग्रेस के बजाय भाजपा की तरफ से चुनाव में उतरे थे और 2012 के बाद एक बार फिर चंबा की विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के हाथों में चली गई थी। भारतीय जनता पार्टी के पवन नैय्यर ने कांग्रेस के नीरज नैय्यर को 1879 वोटों से हरा कर जीत हासिल की थी।
1972 से अब तक 6 बार जीत चुकी भाजपा
इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से अधिक बार जीत दर्ज की है। पहली बार 1972 में भारतीय जन संघ की सीट पर किशोरी लाल ने यहां चुनाव जीता था। उसके बाद जनता पार्टी की सीट पर 1977 को दोबारा किशोरी लाल ने चुनाव जीता था। 1990 में किशोरी लाल ने दोबारा भारतीय जनता पार्टी की सीट पर चुनाव जीता है। इसके तीन साल बाद 1993 में चुनाव हुए थे। उस दौरान भी भाजपा ने जीत हासिल की थी और किशोरी लाल विधायक बने थे। उसके बाद 2012 में बाल कृश्ण चौहान ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस के पवन नैय्यर को हराया था। 2017 में पवन नैय्यर ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और अपने भतीजे कांग्रेस के नीरज नैय्यर को हराकर जीत हासिल की। इस बार चाचा-भतीजा की जोड़ी के बजाय चाची भतीजा की जोड़ी आमने सामने है। पवन नैय्यर की पत्नी नीलम नैय्यर भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में है। वहीं, कांग्रेस ने 1951 में जीत हासिल की थी। उसके बाद 1985 में कांग्रेस को इस सीट पर बहुमत मिला था। 1998 में कांग्रेस की टिकट पर हर्श महाजन ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद 2003 और 2009 में भी हर्श महाजन की टिकट पर कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था। उसके बाद इस सीट पर भाजपा काबिज रही।
भाजपा के किशोरी और कांग्रेस के हर्ष महाजन के नाम है चंबा से जीत की हैट्रिक का रिकार्ड
चंबा हलके से चुनावी समर में जीत की हैट्रिक लगाने का रिकार्ड भाजपा के स्व. किशोरी लाल वैद्य और कांग्रेस के हर्ष महाजन के नाम दर्ज है। चुनावों में जीत के सबसे बड़े अंतर का रिकार्ड भी तेज तरार नेता हर्ष महाजन के नाम पर है। सदर हलके वर्ष 1993 में सदर हलके से सागर चंद नैयर की टिकट कटवाकर हर्ष महाजन ने मोर्चा संभाला। हर्ष महाजन ने 1993 के चुनावों में भाजपा के किशोरी लाल को 13585 मतों से हराया। 1998 के चुनावों में हर्ष महाजन ने भाजपा के केके गुप्ता को 14411 और 2003 में भाजपा के बीके चौहान को 19642 के रिकार्ड मतों से हराकर जीत की हैट्रिक अपने नाम की। 2007 में हर्ष महाजन के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद भाजपा के बीके चौहान ने कांग्रेस के पवन नैयर को 18048 मतों से हराया। वर्ष 2012 के चुनावों में भाजपा के बीके चौहान ने दोबारा कांग्रेस के पवन नैयर को 1934 को हराया है। वहीं वर्ष 2017 में चंबा सदर से भाजपा के लगातार दो बार विधायक रहे बीके चौहान की टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन नैय्यर ने कांग्रेस के नीरज नैय्यर को 1879 वोटों से हराया कर जीत भाजपा की झोली में डाली थी।चुराह विधानसभा सीट: सोशल मीडिया पर बार- बार ट्रोल होते रहे भाजपा के डॉ. हंस राज की जीत हैट्रिक को रोकने के लिए कांग्रेस ने शिक्षक यशवंत सिंह खन्ना को मैदान में उतारा

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