कमजोर शरीर देख दोस्त उड़ाते थे उपहास, फौलादी जिस्म बनाकर करवाया एहसास, चार साल के वर्कआउट और हेल्दी डाइट से उभरते बॉडी बिल्डर बनने वाले मोहित भारद्वाज की प्रेरककथा
कुल्लू से विनोद भावुक की रिपोर्ट
स्कूल की पढ़ाई के दौरान जिस कमजोर काया वाले युवक का उनके स्कूलमेट मजाक उडा़ते थे, आज वही युवक बॉडी बिल्डिंग में स्टेट चैंपियन है। उसके नाम जिला और प्रदेश स्तर पर गोल्ड मैडल की हैट्रिक है। मस्कुलर प्लानेट संघ की ओर से कुल्लू के देवसदन में प्रदेश स्तरीय बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में मोहित ने 70 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मैडल पर कब्जा कर स्टेट लेबल पर गोल्ड मैडल जीतने की हैट्रिक बनाई। अपने जुनून से अपनी शारीरिक कमजोरी को अपनी ताकत बनाकर खुद को साबित करने वाले इस कबायली युवा की कहानी बेहद रोचक और प्रेरक है। नियमित वर्कआउट और हेल्दी डायटिंग से चार साल में मोहित भारद्वाज ने खुद को बॉडी बिल्डर के रूप में ढाल कर साबित किया है कि केाशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
पांगी के माहित कुल्लू के वासी
27 मई1997 को पैदा हुए मोहित भारद्वाज मूलत: चंबा जिला के कबायली क्षेत्र पांगी से संबंध रखते हैं और कुल्लू की भुट्टिको कालोनी में रहते हैं। मोहित के पिता हरि प्रकाश भारद्वाज आईपीएच विभाग केंलांग में अधिशाषी अभियंता हैं, जबकि माता रीना भारद्वाज गृहणी हैं। मोहित की दसवीं तक की पढ़ाई ट्रिनिटी स्कूल मोहल से हुई और अरूणोदय पब्लिक स्कूल मोहल से जमा दो की पढा़ई पूरी की है। बेशक पढ़ाई में मोहित की गिनती अच्छे स्टूडेंट्स में होती थी, लेकिन उसका शरीर इतना पतला था कि उसके साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स इसके लिए अक्सर उसका मजाक उड़ाया करते थे।
चंडीगढ़ में मिली सपनों को उड़ान
जमा दो करने के बाद मोहित ने मोहाली के इंडो ग्लोबल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक करने के लिए एडमिशल लिया। मोहित को जिम जाने का शौक बीटेक की पढ़ाई के पहले साल में ही लग गया। कौलेज के दौरान पढऩा और जिम करना ही मोहित के दो शौक बन गए। इस दौरान मोहित ने अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखा। लगातार वर्कआउट कर मोहित ने अपने शरीर को चार साल में सुडोल बना लिया। बीटेक की डिग्री लेने के साथ ही मोहित बॉडी बिल्डिर के तौर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा।