सोलन से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला की अर्की तहसील के बागी गांव की रहने वाली 40 वर्षीय नील प्रदेश की पहली महिला ट्रक चालक हैं। वह खुद ट्रक चलाती हैं और देश के कई राज्यों तक सीमेंट पहुंचाती हैं। नील कमल के पति ट्रांसपोर्टर थे। उनके अपने दो ट्रक हैं, लेकिन वर्ष 2010 में पति की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। पति की मौत के बाद सदमे से उबरने के अलावा दो ट्रकों की जिम्मेदारी नील पर आ गई। एक ट्रक का तो कर्ज शेष था। चालकों के व्यवहार ने उसे असहज किया तो खुद ही ट्रक चलाने की ठान ली। ट्रक चलाना सीखा और फिर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी बागा से हिमाचल और देश के अन्य राज्यों तक सीमेंट सप्लाई में लग गई।मणिकर्ण में बाढ़ : महिला समेत पांच लोग डूबे, चार पुल, तीन कैंपिंग साइट, एक होम स्टे और एक गेस्ट हाउस आया बाढ़ की चपेट में
घर, कारोबार में तालमेल
नील बताती हैं कि अब उन्हें ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक की भूमिका परेशान नहीं करती। सीमेंट सप्लाई टूर के दौरान कई बार रात को ट्रक में ही विश्राम करना पड़ता है, जिसे वह पूरे आत्मविश्वास के साथ कर लेती हैं। नील कमल का बेटा निखिल ग्यारह साल का है। एक मां होने के नाते आजीविका कमाने के लिए नील के सामने असाधारण परिस्थितियां हैं, लेकिन वह अपने बेटे की पढ़ाई और परवरिश को लेकर हरसंभव प्रयास करती हैं। बेटे ने भी अपनी ट्रांसपोर्टर मां की दिनचर्या के साथ एडजस्ट कर लिया है।‘नारी का नमन’ कार्यक्रम में सीएम जयराम की घोषणा : न्यूनतम बस किराया सात से घटाकर पांच रुपये किया, कल से महिलाओं का लगेगा आधा किराया
मिसाल बन गई नील
ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर का जीवन संघर्ष भरा होता है। ऐसे में एक महिला ट्रक ड्राइवर को सीमेंट सप्लाई की पूरी प्रक्रिया में सक्रिय रहने वाले हैरत में पड़ जाते हैं। सीमेंट की लोडिंग-अनलोडिंग कराती इस महिला ट्रांसपोर्टर को देखकर सब हैरान हो जाते हैं। कई लोग नील की मिसाल देखने आते हैं, कई लोग पहली ट्रांसपोर्टर को मिलने उसके घर आते हैं और आत्मविश्वास की तारीफ किए बिना नहीं रहते।अमेरिका को हिंदी पढ़ा आई कांगड़ा के छोटे से फटाहर गांव की बेटी, लोकगायिका के रूप में अपनी मखमली आवाज का जादू चला रही रीता पुरहाण